अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस 2024
आज का समय ऐसा आ गया है जहाँ लोगों को ख़ुशी ढूंढ़नी पड़ती है। लोग इतने व्यस्त हो गयें है की वो खुश रहना ही भूल गए हैं।
प्रसन्नता के सन्दर्भ में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने भी सही कहा है की “खुशी वह है जो आपको जीवन का आनंद लेने में मदद करती है।” यह कथन सत्य भी है , यदि व्यक्ति खुश है तभी वह जीवन के छोटे से छोटे पलों का भी आनंद ले सकता है।
एक प्रसिद्ध शायर ने कहा है ” प्रसन्नता कभी भी समाप्त नही होती ! जब तक आप स्वयं न चाहें !!
यह कथन सत्य भी है यदि आप खुश रहना चाहते है तो छोटी से छोटी बातों पर भी ख़ुशी प्राप्त की जा सकती है।
प्रसन्नता किसी के समाप्त करने से समाप्त नहीं होती, ना ही इसकी कोई सीमा होती है। परिस्थितियों के कारण थोड़ी देर के लिए उदासी तो आ सकती है परन्तु उसमें भी व्यक्ति खुश रहने के बहाने ढूंढ लेता है।
जीवन में ख़ुशी के इसी महत्त्व को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह तय किया की हैप्पीनेस अर्थात खुश रहना हमारे मूलभूत अधिकारों में से एक होना चाहिए । जिसके फलस्वरूप ,संयुक्त राष्ट्र संघ ने २० मार्च २०१२ को “ वर्ल्ड हैप्पीनेस डे “ के रूप में मनाने की घोषणा की एवं २० मार्च २०१३ को सर्वप्रथम ” वर्ल्ड हैप्पीनेस डे ” अर्थात ” अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस ” मनाया गया।
वर्ष २०२४ का अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस – ‘रीकनेक्टिंग फॉर हैप्पीनेस बिल्डिंग रेसिलिएन्ट कम्यूनिटीज’ , की थीम के साथ मनाया गया।
SK Vision Foundation द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस का आयोजन :
SK Vision Foundation पिछले ४ वर्षों से अधिक समय से समाज कल्याण में कार्यरत ऐसी गैर सरकारी संस्था है, जो निरंतर अपने मूल उद्देश्यों जो नशा मुक्त समाज , अल्पसंख्यकों की शिक्षा एवं जरुरत मंदों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के कार्य को क्रियान्वित करने का निरंतर प्रयास कर रही है।
इस प्रयास में संस्था ने कई प्रकार की प्रतियोगिता , स्वास्थ्य जाँच , बच्चों को डिजिटल दुनिया से अवगत करने जैसे कार्य किये हैं।
अपने इन्हीं उद्देश्यों को पूर्ण करने के प्रयास में, संस्था द्वारा २० मार्च २०२४ को “अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस” का जश्न मनाया गया। हर वर्ष मनाये जाने वाले इस दिवस को , हमारी संस्था ने इस वर्ष , एक विशेष ( स्पेशल )बच्चों के विद्यालय में मनाने का निश्चय किया।
दिलशाद गार्डन स्थित अनुकृति स्पेशल स्कूल में इस दिवस को विशेष बच्चों के साथ मना कर उनको कुछ खुशियाँ देने
की कोशिश की।
इस आयोजन में संगीत और खेल का मेल कर बच्चों को आनंद देने का प्रयत्न किया गया। आयोजन में संगीत बजा कर बच्चों के मध्य एक बॉल पास की गई।
बॉल जीन बच्चों के हाँथ में रुकी , उन्हें उनके पसंद का कोई भी कार्य करना था। इस प्रक्रिया में कुछ बच्चों ने नृत्य किया , किसी ने गाना गाया तो किसी ने कविता प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों के मध्य लंच बॉक्स वितरित किये गए एवं सभी बच्चों के मध्य खाद्य सामग्री का वितरण कर इस दिन की समाप्ति की गई।
हमारी संस्था का उद्देश्य बच्चे जो मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं उनको ख़ुशी देना था । जिससे वो अपनी क्षमता को पहचान कर अपनी प्रतिभा को सबके सामने प्रस्तुत कर सकें । बच्चों ने भी इसमें पूर्ण उत्साह से भाग लिया एवं पूरा सहयोग दिया।
अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस का इतिहास एवं महत्त्व :-
जैसा की ऊपर वर्णन किया गया है “अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस” की घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष २०१२ में की गई। एवं इसे प्रथम बार २० मार्च २०१३ में मनाया गया।
इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को खुश रहने के महत्व को बताना था , जिसे आजकल लोग कहीं न कहीं अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण भूलते जा रहें है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस के महत्त्व को हम निम्न प्रकार से देख सकते हैं :
- प्रसन्नता को मानव के एक मूल अधिकार के रूप में प्रस्तुत करना।
- लोगों को प्रसन्नता के महत्व को समझाना।
- खुश रहना कैसे आपके मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने में सहायता करता है।
- खुश रहने से लोग सकारात्मकता की और अग्रसर होते हैं।
- खुश रहना आपको कई प्रकार की समस्या जैसे डिप्रेशन, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मेंटल हेल्थ (Mental Health) का बिगड़ना इत्यादि से भी छुटकारा देता है।