प्रतिरक्षा प्रणाली किसे कहते है ? प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य। कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली के लक्षण। प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के उपाए।
प्रतिरक्षा प्रणाली जिसे हम रोग प्रतिरोधक छमता एवं इम्युनिटी सिस्टम के रूप में भी जानते हैं। यदि व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है तो विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया , वायरस, फंगस जो हमारे शरीर को नुक्सान पहुंचाते है उनसे शरीर की रक्षा करता है। यह बिमारियों , हानिकारक पदार्थो एवं कोशिका परिवर्तन इत्यादि से शरीर की रक्षा करता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली किसे कहते है ?
प्रतिरक्षा प्रणाली विभिन्न कोशिकाओं ,उत्तकों एवं विशेष प्रकार के प्रोटीन से निर्मित एक जटिल प्रणाली है। यह कोशिकाओं , उत्तकों एवं अंगों का एक नेटवर्क है जो शरीर को निक्सन पहुंचने वाले रोगाणुओं , कीटाणुओं इत्यादि से हमारी रक्षा करता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली एक ऐसी व्यवस्था है जो विभिन्न प्रकार के संक्रमण से शरीर की रक्षा करते हैं। कभी – कभी हमारे शरीर में कई प्रकार के टॉक्सिन्स बन जाते हैं जिसका कारण कभी बैक्टीरिया होता हैं तो कभी वायरस। इन टॉक्सिन्स के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है।
प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य :-
प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर को संक्रमण से बचाती है और इसमें कोशिकाओं, रसायनों, ऊतकों और अंगों का एक जटिल नेटवर्क शामिल होता है। प्रतिरक्षा प्रणाली बैक्टीरिया, वायरस और कवक जैसे ‘आक्रमणकारियों’ के साथ-साथ कैंसर कोशिकाओं जैसी असामान्य कोशिकाओं को पहचानती है, और फिर शरीर को उनसे लड़ने में मदद करती है।
हमारे शरीर में कई अंग हैं जो मिलकर प्रतिरक्षा प्रणाली का निर्माण करते हैं।
जैसे –
त्वचा – त्वचा हमारे लिए रोग प्रतोरिधक का काम करती है। यह बाहरी कीटाणुओं को शरीर में जाने से रोकती है।
श्लेष्मा झिल्ली – यह एक ऐसी परत होती है जो बलगम जैसे पदार्थ बनाते हैं जो कीटाणुओं को फंसा लेते हैं तथा उसे शरीर के अंदर जाने से रोकते हैं।
श्वेत रक्त कोशिकाएं – यह कीटाणुओं से लड़ती है। यह विभिन्न प्रकार के उत्तकों का निर्माण करती है जो रोग प्रतिरोधी का काम करती है।
बी-सेल्स – यह एक प्रकार का विशिस्ट प्रोटीन होता है जिन्हें रिसेप्टर कहा जाता है। यह एंटीजेंस जो एक प्रकार के खतरनाक तत्व एवं कण होते हैं ,जिसमें वायरस बैक्टीरिया और दूसरे विषैले तत्व विधमान होते हैं, को पहचान कर उन्हें नष्ट करते हैं।
इनके अतिरिक्त प्रतिरक्षा प्रणाली के कई और भी महत्वपूर्ण कार्य है जो निम्नलिखित है :-
- ऐसे तत्व जो रोग उत्पत्ति का कारण बनते हैं उनको फ़साने एवं हटाने का कार्य करते हैं।
- शरीर के अंदर विभिन प्रकार के रोग उत्त्पन्न करने वाले कोशिकाओं के विरुद्ध लड़ते हैं एवं उनकी वृद्धि को रोकते हैं।
- यह संक्रमण होने के पहले संक्रमण करने वाले एंटीजन को ढूंढ कर नष्ट करती है।
- यह आपके शरीर की हुई छती को ठीक करने का कार्य करती है।
- यह यह भी सुनिश्चित करती है यदि शरीर के अंदर कोई हानिकारक तत्त्व पहले से उपस्थित है तो वो शरीर को कितना नुकसान कर सकते हैं।
- प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा जिन तत्वों से शरीर की रक्षा की जाती है वो निम्नलिखित है :-
वायरस
बैक्टीरिया
परजीवी
कवक ( Fungi )
कैंसर टिश्यू।
प्रतिरक्षा प्रणाली के कमज़ोर होने के लक्षण :-
प्रतिरक्षा प्रणाली का कमज़ोर होना आप पर बहुत तरीकों से असर डालता है। इसके आभाव में आप बार-बार बीमार पड़ते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली के कमज़ोर होने की स्थिति में आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके कई लक्षण होते हैं जिसकी जानकारी प्राप्त कर आप यह जान सकते हैं की आपको अपनी इम्युनिटी सम्बन्धी कितनी समस्या हैं।
अतः कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं :-
1. पेट सम्बन्धी समस्या :-
प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होने पर सबसे ज्यादा समस्या पेट की आती हैं। व्यक्ति को हमेशा गैस बनने , पेट में दर्द रहने , दस्त होने इत्यादि जैसी समस्या का सामना करना पड़ता हैं। एक शोध के अनुसार यह ज्ञात किया गया हैं की व्यक्ति की 70% प्रतिरक्षा प्रणाली पेट में ही स्थित होती हैं। पेट में कुछ लाभकारी बैक्टीरिया भी मौजूद होते हैं जो हानिकारक बैक्टीरिया को ख़त्म कर संक्रमण से बचाते हैं।
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2. हमेशा सर्दी की शिकायत रहना :–
जिस व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होती हैं। उसको ज़रा सा मौसम में परिवर्तन होने पर शारीरिक समस्या से जूझना पड़ता हैं। साधारणतः सर्दी जैसी शिकायत 7 – 10 दिन में समाप्त हो जाते हैं परन्तु यदि व्यक्ति हमेशा ही इसकी समस्या से जूझता रहता हैं तो यह इम्युनिटी कमज़ोर होने के कारण होता हैं।
3 . हमेशा थकावट मौजूद होना :-
व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए यह आवश्यक हैं की वह प्रतिरक्षा प्रणाली को कैसे मजबूत करें इसकी विस्तृत जानकारी प्राप्त करना आवश्यक हैं।
जब व्यक्ति में प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हो जाती हैं तो उसे हमेशा थकावट महसूस हैं। शरीर हमेशा बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ते रहता जिसके कारण व्यक्ति को हमेशा थकान महसूस होती हैं एवं वह चिड़चिड़ा सा रहने लगता हैं ।
4. बार-बार संक्रमण होना –
व्यक्ति में यदि प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होने की समस्या होती हैं तो उसे बार – बार संक्रमण होने की समस्या बानी रहती हैं। कुछ ऐसे संक्रमण से होने वाली समस्या हैं जो यदि जो यदि बार बार हो तो यह निश्चित होता हैं की व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हैं। उनमें से कुछ समस्या निम्नलिखित हैं :-
- व्यक्ति को बार – बार न्यूमोनिया जैसी समस्या का सामना करना पड़ता हैं।
- वर्ष में बार – बार कान में संक्रमण की समस्या का होना।
- बार – बार एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करना।
- व्यक्ति को साइनस की शिकायत होना।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के उपाए :-
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के उपाए :-
जब भी किसी बीमारी से लड़ने की बात आती हैं तो सबसे पहले यह बात आती हैं की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को कैसे मजबूत करें ? इसके उत्तर के लिए हम यहां आपको कुछ जानकारी दे रहे हैं जिसका प्रयोग कर आप अपनी रोग प्रतिरोधक छमता को बढ़ा सकते हैं। एवं शरीर को बिमारियों से लड़ने के लिए सक्षम बना सकते हैं।
अतः अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को कैसे मजबूत करें ? या रोग प्रतिरोधक छमता को बढ़ाने के उपाए निम्नलिखित हैं :-
अच्छी जीवन शैली का करें पालन :-
यदि किसी व्यक्ति को अपनी इम्युनिटी को मजबूत करने की आवश्यकता है तो उसके लिए यह आवश्यक है की वह सबसे पहले अपनी जीवन शैली को सुधारने का प्रयास करें।अर्थात अपने कार्यों को समय से करने का प्रयास करें।
पौस्टिक एवं संतुलित आहार लें :-
संतुलित आहार के फायदे में प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाना भी आता है। व्यक्ति के लिए पौस्टिक एवं संतुलित आहार ग्रहण करना अत्यंत आवश्यक है। जिसमें विभिन्न प्रकार के फल , सब्जियां , नट्स इत्यादि सभी पौस्टिक आहार पर्याप्त मात्रा में हों। आहार में कम फैट वाले खाने का सेवन करना आवश्यक है। कम तला एवं कम फैट वाले भोज्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते है।
नियमित व्यायाम करें :-
प्रतिरक्षा प्रणाली तब तक मजबूत नहीं हो सकती जब आप उसके लिए परिश्रम न करें। विभिन्न प्रकार के योग एवं व्यायाम के द्वारा भी अपनी इम्युनिटी को बढ़ाया जा सकता है। प्रतिरोधक छमता को बढ़ाने के लिए कुछ व्यायाम निम्नलिखित है :-
भुजंगासन , सेतु बंधासन , बालासन, हलासन इत्यादि।
विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें :-
विटामिन C रोग प्रतिरोधक छमता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन C सभी प्रकार के खट्टे खाद्य पदार्थ से प्राप्त होता है। विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थ निम्नलिखित है जिसका सेवन करना अत्यंत आवश्यक है :-
- संतरा
- निम्बू
- दही
- गोभी
- अदरक
- बादाम
- ब्रोकली
- कीवी
- शिमला मिर्च
- आम
- पपीता
- टमाटर
- स्ट्रॉबेरी इत्यादि
शराब सिगरेट का सेवन करने से बचे –
व्यक्ति की इम्युनिटी मजबूत करने के प्रयास में शराब सिगरेट बहुत ही हानिकारक होते हैं। सिगरेट व्यक्ति की इम्युनिटी का बहुत नुकसान करते है एवं उसे आंतरिक रूप से कमज़ोर करते है।
पर्याप्त नींद लेने की आवश्यकता है –
शरीर को अंदर से मजबूत करने के लिए नींद पूरी करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए यह आवश्यक है की व्यक्ति पूरी नींद ले।
वजन संतुलित रखें –
वजन संतुलित रहने से व्यक्ति में कार्यं करने की इच्छा बनी रहती है। वजन बढ़ना कैसे रोकें यह जानने के लिए इससे होने वाले नुकसान को जानना भी आवश्यक होता है। अतः प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए यह आवश्यक है की वजन नियंत्रण में रखें और वजन कम होने से व्यक्ति किसी प्रकार के कार्य करने में सक्षम हो पाता है। वजन बढ़ने से विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने का भय बना रहता है।